witr ki namaz padhne ka sahi tarika in hindi

 आज के इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे की witr ki namaz ka tarika क्या है।

तो चलिए शुरू करते हैं, आज का हमारा टॉपिक witr ki namaz padhne ka sahi tarika in hindi

हज़रत इब्ने उमर र .अ. से रिवायत है; कि नबी ए पाक ने फ़रमाया रात में अपनी आखिरी नमाज़ को वित्र ( वित्र की नमाज़ ) बनाओ।

witr ki namaz ka tarika in hindi

वीतिर की नमाज़ ईशा के वक्त पढ़ी जाती है, विटिर की नमाज़ ३ रकअत की होती है; और इस नमाज की फजीलत है.

इस नमाज को जो लोग इशा में नहीं पड़ते हैं, वह इसे tahajjud ki namaz के वक्त में पढ़ते हैं; जिससे इस नमाज़ की फ़ज़ीलत और कई गुना बढ़ जाती है.

witir ki namaz mein surah kaun sa padhen

एक सहाबी ने आयशा रजि. अल्लाहो तआला अन्हा से पूछा कि नबी S.A.W. वित्र की नमाज़ में कौन कौन सी सूरतें पढ़ते थें इसपर उन्होंने फ़रमाया नबी पाक सल्लल्लाहो-अलेही वसल्लम.

  • पहली रकात में Surah Aala, सब्बिहिस्मा रब्बिकल आलल लज़ी।
  • दूसरी रकत में सौराह काफ़िरून (surah kafirun).
  • और तीसरी रकात में Surah Ikhlas और फिर

सल्लल्लाहो अलैही वसल्लम तीसरी कभी सूरह फलक और Surah Naas भी पढ़ा करते थे।

witr ki namaz padhne ka sahi tarika in hindi

वितिर की नमाज़ ३ रकत की होती है, जिसमें 2 रकात नमाज के बाद तशहुद में बैठा जाता है; और उसके बाद तीसरी रकात पढ़कर सलाम फेरी जाती है

हम इस पोस्ट में हर रकअत में आपको कैसे और क्या पढ़ना है, यह सब बताएंगे।

वीतिर की नामज की नियत कैसे करें (witr ki namaz ki niyat in hindi)

पांचों वक्त की नमाज में हर नमाज की नियत अलग-अलग होती है, ठीक उसी तरह के तरीके नमाज की अलग है; लेकिन सब नमाज की नियत का ढांचा एक ही जैसा है.

” नियत की मैंने तीन रकअत नमाज़ ईशा की वीतिर वासते अल्लाह तआला के मुँह मेरा तरफ काबा शरीफ के, अल्लाहु अकबर।”

यह कह कर नियत बाँध लें – नियत बांधी आप की पहली रकाश शुरू होगी.

पहली रकअत का तरीका।

  1. पहली रकअत में आपको सबसे पहले सना पढ़ना है, यानी सुब्हानका अल्लहुमा वबी हमदिका
  2. अब अल्हम्दो शरीफ पढ़ें यानि सौराह फातिहा।
  3. कोई भी एक सौराह जो आपको अच्छे से।

इतना पढ़ने के बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए रुकू सुजूद (रुकू में जाएं) करें। रुकू में जाने के बाद तीन मर्तबा सुबहाना रब्बी यल अज़ीम कहें।

फिर समी अल्लाह हुलेमन हमीदा कहते हुवे खड़े हो जाएँ जब आप अच्छे से खड़े हो जाएँ; तो एक मर्तबा रब्बना लकल हम्द भी कहें |

फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे में जाएँ और तीन मर्तबा सुबहाना रब्बी यल अला कहें।

अब दूसरी रकअत।

  • सजदे के बाद आप फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए खड़े हो जाएँ।
  • खड़े होने के बाद सौरह फातिहा पढ़ें और कोई सौरह भी पढ़ें।
  • इसके बाद रुकू में जाएँ और तीन मर्तबा सुब्हान रब्बिल अजीम कहें। फिर समी अल्लाह हुलेमन हमीदा कहते हुवे खड़े हो जाएँ जब आप अच्छे से खड़े हो जाएँ तो एक बार रब्बना लकल हम्द भी कहें |
  • फिर आप अल्लाहु अकबर कहते हुए दोनों सजदे के लिए जाएं और सुबहाना रब्बी यल अला ३ बार कहकर अपने पंजो पर बैठ जाएँ जैसे नमाज़ में बैठते है|
  • अच्छे से बैठने के बाद आप अत्तहियातु लिल्लाहि पढ़ते हुवे अपने शहादत की ऊँगली को उठायें फिर अल्लाहु अकबर कहते हुवे तीसरी रकात के लिए खड़े हो जाएँ |

तीसरी रकअत

वीतिर की तीसरी रकात् में सुरह फातिहा पढ़ लें, और उसके साथ कोई भी एक सुरह जो आपको अच्छे से याद हो उसे पढ़ लें, फ़िर तकबीर बोलते हुए अपने हाथों को कान तक ले जाएं और हाथ बांध लें, फिर दुआ ऐ क़ुनूत पढ़ें।

उसके बाद आप अल्लाहु अकबर कहते हुवे रुकू सुजूद करें और ३ बार सुब्हान रब्बिल अजीम कहें।

फिर समी अल्लाह हुलेमन हमीदा कहते हुवे खड़े हो जाएँ जब आप अच्छे से खड़े हो जाएँ; तो एक मर्तबा रब्बना लकल हम्द भी कहें |

फिर आप अल्लाहु अकबर कहते हुवे दोनो सजदे के लिए जाएँ सजदे में आप तीन मर्तबा सुब्हान रब्बि यल आला कहें।

दूसरे सजदे के बाद पंजों के बल बैठ जाएँ और यह पढ़ें।

  1. सबसे पहले एक मर्तबा अत्तहियातु लिल्लाहि पढ़ते हुवे अपने शहादत के ऊँगली को उठायें।
  2. उसके बाद एक मर्तबा दरूद शरीफ पढ़ें।
  3. उसके बाद एक मर्तबा दुआ ए मासुरा पढ़ें।

और फिर सलाम फेर लें।

अस्सलामो अलैकुम वरहमतुल्लाह पहले दाएं तरफ मुंह फेरे फिर अस्सलामो अलैकुम वरहमतुल्लाह कहकर बाएं तरफ मुंह फेरें।

Dua e kunoot yaad na ho to witir ki namaz kaise padhen.

दुआ ए क़ुनूत याद न हो तो वीतिर की नमाज़ कैसे पढ़ें।

रब्बना आतैना फिद दुनिया हस न तौ वाफिल आखिरति हस नतौ वाकिना अज़ाबननार

अगर दुआ ए क़ुनूत याद न हो तो यह पढ़ सकते हैं।

FAQs

वीतिर की नमाज़ का वक़्त कब से कब तक होता है।

वीतिर की नमाज़ का वक़्त ईशा से लेकर फज़र तक होता है।

दुआ ए क़ुनूत यद् न हो तो वीतिर की नमाज़ कैसे पढ़ें।

अगर दुआ ए क़ुनूत याद न हो तो ऊपर लिखी हुई दुआ रब्बना आतैना”पढ़ सकते हैं।

Post a Comment

Previous Post Next Post